Lord Curzon | Major Reforms and Works | With Short Trick | लॉर्ड कर्जन और प्रमुख सुधार एवं कार्य | Governer General or Vaysroy of India
![]() |
Lord Curzon | Major Reforms and Works | With Short Trick | लॉर्ड कर्जन और प्रमुख सुधार एवं कार्य | Governer General or Vaysroy of India |
Click here for Video about Lord Curzon (लॉर्ड कर्जन)
Click Here For Our YouTube Channel
आज हम बात करेंगे एक ब्रिटिश गवर्नर जनरल या वायसराय की ।
जिसने पुरातत्व विभाग व अकाल आयोग का गठन किया ।
न सिर्फ पुलिस आयोग का गठन उसके शासनकाल में हुआ, बल्कि बंगाल विभाजन भी उसके शासनकाल में ही हुआ ।
आज हम बात करेंगे ,लॉर्ड कर्जन की।
लॉर्ड कर्जन के प्रमुख सुधार को ट्रिक के माध्यम से याद किया जा सकता है :-
Trick : “पुरा विश्व अकाल, पुलिस बना सिचाई हाँल”
पुरा : पुरातत्व विभाग का गठन
विश्व : विश्व विद्यालय आयोग का गठन
अकाल : अकाल आयोग का गठन
पुलिस : पुलिस आयोग का गठन
बना : बंगाल विभाजन
सिंचाई : सिंचाई आयोग का गठन
हाँल : विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण
लॉर्ड कर्जन और प्रमुख सुधार कार्य :
- लार्ड कर्जन ने जनवरी,1899 ई. में भारत के वायसराय का पद ग्रहण किया। लार्ड कर्जन एक योग्य शासक था ।
भारत में वाइसराय के रूप में उसका कार्यकाल काफ़ी उथल-पुथल का रहा है।
लॉर्ड कर्ज़न के विषय में पी.राबटर्स ने लिखा है कि,
“भारत में किसी अन्य वाइसराय को अपना पद सम्भालने से पूर्व भारत की समस्याओं का इतना ठीक ज्ञान नहीं था, जितना कि लॉर्ड कर्ज़न को। कर्ज़न ने जनमानस की आकांक्षाओं की पूर्णरूप से अवहेलना करते हुए भारत में ब्रिटिश हुकूमत को पत्थर की चट्टान पर खड़ा करने का प्रयास किया”।
लॉर्ड कर्ज़न ने भारत में शिक्षा और आर्थिक सुधारों के लिए मुख्य रूप से कार्य किये थे।
भूमि पर लिये जाने वाले भूमिकर को और अधिक उदार बनाये जाने हेतु उसने ‘भूमि प्रस्ताव’ भी पारित किया था।
लॉर्ड कर्ज़न के द्वारा किये गये कुछ महत्त्वपूर्ण सुधार कार्य इस प्रकार हैं :-
पुलिस सुधार -
- पुलिस सुधार के अन्तर्गत कर्ज़न ने 1902 ई. में ‘सर एण्ड्रयू फ़्रेजर’ की अध्यक्षता में एक ‘पुलिस आयोग’ की स्थापना की।
- 1903 ई. में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में आयोग ने पुलिस विभाग की आलोचना करते हुए कहा कि, यह विभाग पूर्णतः अक्षम, प्रशिक्षण से रहित, भ्रष्ट एवं दमनकारी है।
- आयोग द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर सभी स्तरों में वेतन की वृद्धि , प्रशिक्षण की व्यवस्था, प्रान्तीय पुलिस की स्थापना व केन्द्रीय गुप्तचर विभाग की स्थाना की व्यवस्था की गई।
शैक्षिक सुधार-
- शैक्षिक सुधारों के अन्तर्गत कर्ज़न ने 1902 ई. में ‘सर टॉमस रैले’ की अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय आयोग’ का गठन किया।
- आयोग द्वारा दिये गए सुझावों के आधार पर विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904 ई. पारित किया गया। इस अधिनियम के आधार पर विश्वविद्यालय पर सरकारी नियन्त्रण बढ़ गया।
- विश्वविद्यालय की सीनेट में मनोनीत सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई। गैर सरकारी कॉलेजों का विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित होना अत्यधिक कठिन बना दिया गया।
आर्थिक सुधार-
- आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत कर्ज़न ने 1899-1990 ई. में पड़े अकाल व सूखे की स्थिति के विश्लेषण के लिए ‘सर एण्टनी मैकडॉनल’ की अध्यक्षता में एक ‘अकाल आयोग’ की नियुक्ति की।
- आयोग ने कहा कि, अकाल सहायता व अनुदान में दी गई सहायता पर अनावश्यक बल दिया गया।
- आयोग ने कहा कि, कार्य करने में सक्षम लोगों को उनके कार्य में ही सहयोग करना चाहिए।
कृषि सम्बन्धी सुधार-
- 1901 ई. में कृषि के इन्सपेक्टर जनरल की नियुक्ति की गई। पूना में कृषि अनुसंधान संस्था की स्थापना की गई।
- कर्जन ने यह आदेश दिया कि मौसम की स्थिति के अनुसार लगान की सरकारी माँग में परिवर्तन होना चाहिए ।
सैनिक सुधार-
- 1900 में लार्ड किंचनर भारत का सेनाध्यक्ष होकर आया। उसने सैन्य सुधार की और विशेष ध्यान दिया।
- 1900 में स्थानीय पैदल सेना को पुनर्सगठित किया गया तथा चार दुगुनी कम्पनियों के दस्ते संगठित किये गये।
- देशी अफसर ही प्रत्येक दस्ते की आंतरिक व्यवस्था के लिये नियुक्त किये थे तथा फौजी परेड़ एवं युद्ध भूमि में ब्रिटिश अफसर ही उनका संचालन करते थे।
- 1902 तथा 1904 के बीच मोपला, गुरखा, पंजाबी, रंगरूटों को पैदल एवं अश्व-सेना में बडी़ संख्या में भर्ती किया गया।
न्यायिक सुधार-
- न्यायिक सुधारों के अन्तर्गत कर्ज़न ने ‘कलकत्ता उच्च न्यायालय’ में न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाया।
- उसने उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन एवं पेंशन में वृद्धि की।
- उसने भारतीय नागरिक प्रक्रिया संहिता को संशोधित करते हुए परिवर्तित कर दिया।
अन्य सुधार-
- भारतीय रेलवे के विकास के क्षेत्र में सर्वाधिक रेलवे लाइनों का निर्माण लॉर्ड कर्ज़न के समय में ही हुआ।
- भूमिकर को अधिक उदार बनाने हेतु लॉर्ड कर्ज़न द्वारा 16 जनवरी, 1902 को ‘भूमि प्रस्ताव’ लाया गया।
- 1904 ई. में ‘सहकारी उधार समिति अधियिम’ पेश हुआ, जिसमें कम ब्याज दर पर उधार की व्यवस्था की गयी।
Click here for Video about Lord Curzon (लॉर्ड कर्जन)
Click Here For Our YouTube Channel