DRDO | मिसाइल और उसके प्रकार
DRDO | Missile And Its Classification | IGMDP | Defence Technology | Selection Mind Online Study (In Hindi)
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मिसाइल का क्या अर्थ
मिसाइल को हिंदी भाषा में प्रक्षेपास्त्र कहा जाता है ।प्रक्षेपास्त्र, दो शब्दों से मिल कर बना होता है :-
1- प्रक्षेप अर्थात फेकना ।
2- अस्त्र यानि हथियार ।
इस प्रकार प्रक्षेपास्त्र का अर्थ होता है, ऐसा अस्त्र जिसको प्रक्षेपित किया जा सके |
रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकि का विकास : DRDO
- भारतीय रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की स्थापना 1958 में डॉ. डी. एस. कोठारी के नेतृत्व में हुई।
- अनुसंधान कार्य को व्यापक बनाने के लिए 1980 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DRDD) बनाया गया।
- इसके तहत् प्रथम मिसाइल कार्यक्रम IGMDP (Integrated Guided Missile Development Programme) की शुरुआत 1983 में हुई, जिसके अध्यक्ष डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम थे।
PATNA कार्यक्रम
IGMDP के अन्तर्गत PATNA कार्यक्रम प्रारंभ किया गया ।
- PATNA नाम से 5 मिसाइलों के विकास कार्य को प्रारंभ किया गया:-
पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग एवं आकाश।
- PATNA कार्यक्रम को 2008 में पूर्ण कर लिया गया।
मिसाइल का वर्गीकरण
- पथ के आधार पर
- लक्ष्य के आधार पर
- दूरी के आधार पर
- गति के आधार पर
- बचाव के आधार पर
1. पथ के आधार पर वर्गीकरण
- पथ के आधार मिसाइलों को 2 भागों में बांटा गया है :-
- बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)
- क्रूज मिसाइल (Cruise Missile)
1) बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)
- जिन मिसाइलों का अपना पूर्व पथ निर्धारित होता है एवं यह पृथ्वी के वायुमंडल को पार कर जाती है।
- प्रक्षेपास्त्र दागे जाने के बाद पृथ्वि के गुरुत्वाकर्षण नियम के अधीन किसी खास लक्ष्य पर गिरता है ।
- यह मिसाइल पहले बहुत ही तेजी से उपर की तरफ जाती है फिर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के द्वारा अत्याधिक् गति के साथ नीचे आते हुए अपने लक्ष्य को भेदती है |
- बेलिस्टिक मिसाइल सीधे पृथ्वी के वातावरण की सबसे ऊँची परत पर पहुँचती है और फिर वो नीचे की तरफ आती है इसी वजह से इसको बेलिस्टिक मिसाइल कहा जाता है |
- यह परवलयाकार पथ पर गति करती है।
- अधिक ऊँचाई पर उड़ने के कारण ये राडार की पकड़ में आ जाती है।
उदाहरण : पृथ्वी, अग्नि, प्रहार, सागरिका।
2) क्रूज मिसाइल (Cruise Missile)
- क्रूज का अर्थ होता है समुद्री यात्रा या परिभ्रमण
- अर्थात जिस प्रकार से हम समुद्र में अपनी नाव को किसी भी कोण पर घुमाते हुए अपने गंतव्य तक पहुच सकते है उसी प्रकार इस मिसाइल को भी दागने के बाद किसी भी दिशा में घुमाया मोड़ा जा सकता है |
- इसकी यही विशेषता इसको बहुत ही घातक हथियार बनाती है |
- क्रूज मिसाइल में एक स्वयं चालित ताकतवर इंजन लगा होता है जो इसकी गति को नियंत्रित करता हुआ किसी भी दिशा में लक्ष्य को भेद सकता है |
- इसकी मारक क्षमता बेलिस्टिक मिसाइल से कम होती है |
- इनकी उड़ान की ऊँचाई पृथ्वी से निश्चित दूरी पर होने के कारण ये राडार के परास में न आ पाती है।
उदाहरणार्थ – ब्रह्मोस, निर्भय, शौर्य एवं स्वप्न ।
2. लक्ष्य के आधार पर वर्गीकरण
- लक्ष्य के आधार पर मिसाइल का वर्गीकरण 3 भागों में किया गया है :-
- सतह से सतह
- सतह से हवा
- हवा से हवा
1) सतह से सतह
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल
Surface-To –Surface Missile,
SSM
Surface-To –Surface Missile,
SSM
- वे मिसाइलें जिनका प्रक्षेपण सतह, किसी वाहन, या किसी निश्चित जगह से किया जाता है।
- इनका संचालन रॉकेट इंजनो या निश्चित स्थान पर होने के कारण विस्फोटकों द्वारा भी किया जाता है।
- उदाहरण : पृथ्वी, अग्नि ।
2) सतह से हवा
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल Surface-To-Air Missile, SAM
- इन मिसाइलों का विकास सतह से असमान में उड़ने वाले लक्ष्यों को भेदने और अन्य मिसाइलों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
- उदाहरण : आकाश, त्रिशूल ।
3) हवा से हवा
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल
Air-To –Air Missile,
AAM
Air-To –Air Missile,
AAM
- इनका प्रयोग वायु-यान से शत्रु के विमानों को नष्ट करने में किया जाता है। इस मिसाइलों की गति 4 मैक तक हो सकती है।
- उदाहरण : अस्त्र ।
3. दूरी के आधार पर
दूरी के आधार पर मिसाइलों को 4 भागों में बांटा गया है :-
1. Short-Range Ballistic Missile (SRBM)
- इसकी मारक क्षमता 1000 किमी से कम होती है।
2. Medium-Range Ballistic Missile (MRBM)
- इसकी मारक क्षमता 1000 से 3000 किमी तक होती है।
3. Intermediate-Range Ballistic Missile (IRBM)
- इसकी मारक क्षमता 3000 से 5000 किमी तक होती है।
4. Intercontinental Ballistic Missile (ICBM)
- इसकी मारक क्षमता 5000 किमी से अधिक होती है।
भारत की प्रथम ICBM मिसाइल अग्नि-5 है, जिसकी मारक क्षमता 5000 से 6000 किमी तक है।
4. गति के आधार पर
मिसाइल की गति को मैक संख्या से मापा जाता है। गति के आधार पर मिसाइलों को 5 भागों में बांटा गया है –
1) सबसोनिक मिसाइल (Subsonic Missile)
- वह मिसाइल, जिसकी गति 0.8 मैक से कम होती हैं, वह सबसोनिक मिसाइल कहलाती है।
- भारत में निर्भय इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
2) सोनिक मिसाइल (Sonic Missile)
- इस मिसाइल की गति 0.8 से 12 मैक तक होती है।
3) सुपरसोनिक मिसाइल (Supersonic Missile)
- इस मिसाइल की गति 1.2 से 5 मैक तक होती है।
- भारत में ब्रह्मोस इसका प्रमुख उदाहरण है।
4) हाइपरसोनिक मिसाइल (Hyper Sonic Missile)
- इस मिसाइल की गति 5 से 25 मैक तक होती है।
- भारत में अग्नि इसका प्रमुख उदाहरण है।
5. बचाव के आधार पर
बचाव के आधार पर मिसाइलों को 2 भागों में बांटा गया है –
1) टेक्टिकल मिसाइल (Tactical Missile)
- वह मिसाइल जिसकी रेंज 300 किमी से कम होती है, टेक्टिकल मिसाइल में कहलाती है।
- उन्हें युद्ध में प्रयोग के लिए बनाया जाता है। इन्हें रणनीतिक मिसाइल भी कहते हैं।
- भारत पृथ्वी एवं बह्योस टेक्टिकल मिसाइल है।
2) स्ट्रेटजिक मिसाइल (Strategic Missile)
- इस मिसाइल की रेंज 300 किमी से ज्यादा होती है, जिसे मनौवैज्ञानिक युद्ध के लिए बनाया गया है।
- इसे सामरिक मिसाइल भी कहा जाता है।
- भारत में अग्नि इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
मिसाइल के भाग
मिसाइल के चार भाग होते है:-
- दिशा निर्देशक यन्त्र
- उड़ान व्यवस्था ( Flight System )
- इंजन
- विस्फोटक मुखास्त्र ( warhead )