Kisan Rail | किसान रेल | Indian Railways | Selection Mind



खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किसान रेल ट्रेनों द्वारा फलों और सब्जियों के परिवहन पर सब्सिडी को 50% तक बढ़ाने का फैसला किया है। योजना को संचालित करने के लिए मंत्रालय शुरुआत में 10 करोड़ रुपये प्रदान करेगा। यह राशि दक्षिण मध्य रेलवे के पास जमा होगी। आवंटित राशि के उपयोग के बाद रेलवे, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय को एक उपयोगिता प्रमाणपत्र भी प्रदान करेगा। इसके बाद मंत्रालय, रेलवे को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगा।

रेलवे ने दक्षिण भारतीय शहर अनंतपुर से नई दिल्ली के बीच किसान रेल (Kisan rail) का संचालन शुरू कर दिया है। 


यह देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल होगी।
   उद्घाटन : केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हरी झंडी दिखा कर किया।

भारत की पहली किसान रेल 7 अगस्त 2020 को चली थी।  
महाराष्ट्र के देवलाली नासिक के पास से चलकर बिहार के दानापुर तक । 

 केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा था कि " किसान रेल से सस्ती दरों पर कृषि उत्पादों, खासतौर से जल्दी खराब होने वाली उपज के परिवहन में मदद मिलेगी, और यह पहल किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने में सहायक होगी। "


आम बजट 2020-21 में दूध, मांस और मछली सहित जल्द सड़ने वाले खाद्य पदार्थों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने की घोषणा की गई थी और यह भी कहा गया था कि भारतीय रेल, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) व्यवस्था के माध्यम से किसान रेल की शुरुआत करेगी।


सरकार के अनुसार किसान रेल से मामूली लागत पर किसानों की फसल की देश के विभिन्न हिस्सों तक दुलाई में सहायता मिलेगी, इससे किसानों को फायदा होगा और इससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।


किसान रेल में रेफ्रिजरेटर कोच लगे होंगे, इन्हें रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजाईन के रूप में रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में निर्मित करवाया है, अर्थात यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकी

 ट्रेनों के मूल स्थान - गंतव्य, रूटों, स्टॉपेज और ट्रेनों की फ्रीक्वेसी का फैसला कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और रेल मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

सरकार का कहना है कि इस किसान रेल के चलने से आस पास के इलाकों के लोगों को बेहतर फल और सब्जी की आपूर्ति भी हो सकेगी।

 किसान रेल से दक्षिण भारत से टमाटर आसानी से दिल्ली आ सकेगी। हालांकि अभी भी वहां से फल और सब्जी आते हैं, लेकिन सड़क मार्ग से आने से कई दिन लग जाते हैं। किसान रेल से आने से एक से दो दिन में सामान दिल्ली पहुंच जाएगा।